👑 महाराज अग्रसेन – एक महान राजा और अग्रवाल समाज के संस्थापक
🧾 संक्षिप्त परिचय:
विषय | जानकारी |
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👤 नाम | महाराज अग्रसेन (या अग्रसेन महाराज) |
🏰 साम्राज्य | अग्र नगर (Agnipur or Agroha) के संस्थापक |
🕉️ धर्म | वैदिक धर्म / सनातन धर्म (बाद में अहिंसा के मार्ग पर) |
🧬 वंश | सूर्यवंशी क्षत्रिय |
🌾 समाज | अग्रवाल (और अग्रहरी) समाज के आदि पुरुष |
📜 महाराज अग्रसेन का जीवन परिचय
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महाराज अग्रसेन का जन्म त्रेतायुग में माना जाता है, और वे भगवान श्रीराम के वंशज माने जाते हैं।
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वे एक धर्मनिष्ठ, न्यायप्रिय और लोकहितकारी राजा थे।
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उन्होंने युद्ध और हिंसा का त्याग कर अहिंसा और व्यापार के मार्ग को अपनाया।
🏛️ अग्र नगर (Agroha)
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उन्होंने अग्र नगर नामक एक समृद्ध नगर की स्थापना की, जो आज के हरियाणा राज्य के हिसार ज़िले में स्थित माना जाता है।
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यह नगर व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक समरसता का केंद्र था।
🧑🤝🧑 17 गोत्रों की स्थापना
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महाराज अग्रसेन ने अपने 17 पुत्रों के माध्यम से 17 गोत्रों (कुलों) की स्थापना की, जिससे आज का अग्रवाल समाज बना।
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कुछ मान्यताओं में 18वां गोत्र भी जोड़ा जाता है।
🧡 महान सिद्धांत:
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अहिंसा का पालन – उन्होंने बलिदान और हिंसा को त्याग दिया।
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सामाजिक समता – कोई भी व्यक्ति नगर में आकर बसे, तो हर परिवार एक ईंट और एक रुपया देता था।
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ईंट = घर बनाने के लिए
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रुपया = व्यवसाय शुरू करने के लिए
👉 यह उनकी सामाजिक एकता और सहयोग की भावना को दर्शाता है।
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📅 अग्रसेन जयंती:
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अश्विन शुक्ल प्रतिपदा (नवरात्रि का पहला दिन) को अग्रसेन जयंती के रूप में मनाया जाता है।
🏆 सम्मान:
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भारत सरकार ने 1976 में एक डाक टिकट जारी कर महाराज अग्रसेन को सम्मानित किया।
📚 निष्कर्ष:
महाराज अग्रसेन एक ऐसे राजा थे जिन्होंने धर्म, व्यापार, अहिंसा और समाज सेवा के आदर्श स्थापित किए। वे न केवल अग्रवाल समाज के आदि पुरुष हैं, बल्कि समस्त भारतीय समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
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